YOUR MONEY OR YOUR LIFE in Hindi
इंट्रोडक्शन
इमेजिन करो आप सड़क पर पैदल चलते हुए घर की तरफ जा रहे हो कि तभी कोई आकर पीछे से आपके सिर पर गन रख देता है और कहता है” पैसा प्यारा है या जान प्यारी है”? ऐसे में आप क्या करोगे? ज़ाहिर है आप फौरन अपना वॉलेट निकालकर चोर के हाथ में दे दोगे क्योंकि जान बची रही तो पैसा फिर भी कमाया जा सकता है. लेकिन क्या यही सच है? जान क्या पैसे से बढ़कर होती है या ये सिर्फ़ एक कहावत है?
वैसे logically तो यही सच है कि इन्सान की जान पैसे से ज्यादा कीमती है. लेकिन असल में क्या हम इसी फिलोसफ़ी पर जीते है? कुछ लोग ऐसा बोल सकते है कि उन्हें अपनी जॉब से प्यार है, या उन्हें अपना काम पसंद है पर ऐसा नहीं है कि हर कोई अपने काम से और अपनी सैलरी से सेटिसफाईड हो.
लाइफ एक रेस की तरह है. हर रोज़ हर इन्सान किसी ना किसी गोल को अचीव करने के लिए भागता नज़र आता है, सबको लाइफ में ख़ुशी चाहिए, सुकून चाहिए, ऐशो-आराम चाहिए, सारे सुख चाहिए और सबसे बढ़कर तो ये कि आदमी एक ऐसी जिंदगी चाहता है जहाँ उसे कोई काम ना करना पड़े, बस वो आराम से बैठकर मज़े की लाइफ जिए. लेकिन इससे पहले कि वो फिनिश लाइन तक पहुंचे, लोग दस-दस, बारह-बारह घंटे काम करते है और काफी हार्ड वर्क भी करते है इसके बावजूद उन्हें अपनी पूरी मेहनत का पैसा नहीं मिलता.
हर इन्सान हमेशा इसी उम्मीद पर जीता है कि शायद एक दिन वो अपनी मनपसंद लाइफ जी सके, एक ऐसी लाइफ जो सेटिसफेक्शन से भरी हो, जहाँ हर किस्म का सुकून और आराम हो. ये बुक इसलिए लिखी गई है ताकि आपको तस्वीर का दूसरा पहलू दिखा सके. बजाये इसके कि हम अपनी बारी आने का वेट करे, क्यों नहीं हम आज ही अपने लिए कोई रास्ता बना ले और अपने हर सपने को सच करने की कोशिश करे!
ये समरी आपको वो तरीका बताएगी कि आप अपने वर्क और पर्सनल लाइफ के बीच बैलेंस कर पायेंगे. जिससे आपको अपने काम के साथ-साथ फेमिली लाइफ, फ्रेंड्स और सबसे बढ़कर खुद के लिए टाइम मिलेगा. यानी एक ऐसा रास्ता जहाँ आपको पैसे या लाइफ में से किसी को एक ना चूज़ करना पड़े. तो अब अगली बार कोई अगर आपसे पूछे” पैसा या लाइफ” तो कहिएगा” मैं दोनों को चूज़ करता हूँ, थैंक्स”.