इंट्रोडक्शन(Introduction)
क्या आप एक ऐसे इंसान के इनवेस्टमेंट प्रिन्सिप्ल को सीखना चाहेंगे जो इन्वेस्टमेंट कंपनी “The Vanguard Group” के फाउंडर थे? ये इन्वेस्टमेंट कंपनी 5.3 ट्रिलियन डॉलर का asset मैनेज करती है.जी हाँ, आपने बिलकुल ठीक सुना, मिलियन नहीं, बिलियन भी नहीं बल्कि 5.3 ट्रिलियन डॉलर. इस समरी में आप सीखेंगे कि इंडेक्स फंड्स क्या होता है और एक आम आदमी को म्यूच्यूअल फंड के बजाय इंडेक्स फंड में पैसा क्यों लगाना चाहिए.
वैसे क्या आपको पता है कि जॉन बौगल के इस प्रिन्सिप्ल पर वॉरेन बफ़े को भी इतना भरोसा है कि उन्होंने Protege Partners नाम की कंपनी से 1 मिलियन डॉलर की शर्त लगा ली थी कि हेज फंड्स इंडेक्स फंड्स से ज़्यादा रिटर्न नहीं दे सकते. अब आप सोच रहे होंगे कि ये हेज फंड, इंडेक्स फंड क्या बला है तो चिंता मत कीजिये, हम ये सब आपको इस समरी में एक्सप्लेन करने वाले हैं. ये आपके लाइफ की सबसे इम्पोर्टेन्ट समरी हो सकती है इसलिए इसे ध्यान से और पूरी सुनिएगा.
“डोंट अलाऊ अ विनर्स गेम तो चेंज ईंटो अ लूज़र्स गेम”.
इस बुक में हम ये जानेंगे कि इंडेक्स फंड कैसे म्यूच्यूअल फंड से बेहतर परफॉर्म करते हैं. पहले हम आपको इंडेक्स फंड, फंड मैनेजर और म्यूच्यूअल फंड के बारे में बताएँगे. तो बिना देर किये शुरू से शुरू करते हैं. देखिये जब भी एक कंपनी बनती है तो उसे ग्रो करने के लिए पैसा चाहिए होता है. पैसा इकट्ठा करने का एक तरीका ये है कि वो कंपनी अपना कुछ हिस्सा शेयर में कन्वर्ट कर सकता है.
मान लीजिये कि कंपनी का 10% एक लाख शेयर में बदल दिया जाए तो इसका मतलब है कि अगर कोई उस एक लाख शेयर को खरीदता है तो वो कंपनी का 10% मालिक बन जाता है. अब ज़ाहिर सी बात है कि इन शेयर्स को बहुत सारे लोग खरीदते हैं ये सोचकर कि किसी दिन इन शेयर्स की वैल्यू बैंक के इंटरेस्ट रेट के मुकाबले ज़्यादा बढ़ेगी तो वो शेयर्स को बेच कर अपनी इनकम बढ़ा सकेंगे.
अब जो लोग ऐसी इंडिविजुअल कंपनी ख़ुद नहीं ढूंढ पाते वो फंड मैनेजर के पास जाते हैं यानी एक ऐसे इंसान के पास जिसे इन कंपनियों के बारे में नॉलेज है. ये लोग ऐसी कंपनी ढूँढने में माहिर होते हैं जो फ्यूचर में अच्छा रिटर्न दे सके.अब आप सोच रहे होंगे कि अगर हमारा पैसा डूब गया तो? तो इसका रिस्क कम करने के लिए फंड मैनेजर लोगों के रूपए को एक कंपनी में नहीं बल्कि कई अलग अलग कम्पनी में इन्वेस्ट करते हैं. यानी हमें सिर्फ़ पैसा देना है.
मान लीजिये कि आपने 1 लाख दिया, मैंने दो लाख दिया और भी दूसरे लोगों ने अपने हिसाब से पैसे दिए, तो फंड मेनेजर सारे पैसों को अलग अलग कंपनी में लगा देता है. और उससे जितना भी फ़ायदा या नुक्सान होगा वो हम सब मिलकर झेलेंगे. इसे ही म्यूच्यूअल फंड कहा जाता है.
इंडेक्स फंड भी कुछ कुछ म्यूच्यूअल फंड की तरह होता है लेकिन उसमें पैसा फंड मैनेजर की मर्ज़ी की कंपनी में नहीं बल्कि पहले से बनाए गए कुछ रूल्स के बेसिस पर पैसा लगाया जाता है.
जैसे अगर हम अमेरिका के इंडेक्स S&P500 की बात करें तो इस इंडेक्स फंड में पैसा हमेशा अमेरिका की टॉप 500 कंपनियों में उनकी मार्केट कैप के हिस्साब से ही लगाए जाते हैं. वैसे ही इंडिया में NIFTY50 नाम का इंडेक्स फंड है यानी अगर हम इस इंडेक्स फंड में पैसा लगाते हैं तो वो हमारे पैसे को इंडिया की टॉप 50 कंपनियों में उनके मार्केट कैप के हिसाब से लगा देंगे.
हम्म, तो ये सब समझना इतना भी मुश्किल नहीं है, है ना? इस बुक में जॉन ने ये बताया है कि कोई भी म्यूच्यूअल फंड लोंग रन में किसी भी इंडेक्स फंड को मात देकर आगे नहीं निकल सकता इसलिए हमें अपना पैसा हमेशा इंडेक्स फंड में लगाना चाहिए. आइये जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा.