इंट्रोडक्शन
क्या आपको पता है जो लोग अपनी गलतियों से सीखते है और जो नहीं सीखते, उनके बीच क्या फ़र्क है?
क्या आप लाइफ के चैलेंजेज फेस करने से डरते हो? क्या आप खुद को कमज़ोर समझते हो? क्या आप strong बनना चाहते हो और अपनी लाइफ के सबसे मुश्किल एक्सपीरियंस से कुछ सबक लेना चाहते हो?
इस बुक में जॉन सी मैक्सवेल ने एनालाईज़ किया है कि विनर्स क्या सोचते है, क्या फील करते है और कैसे काम करते है. विनर्स के माइंडसेट को समझना आपको वो बेसिक स्किल्स सीखने में हेल्प करेगा जिससे आप किसी भी चैलेंज को खुद को इम्प्रूव करने की अपोर्च्यूनिटी में बदल सकते है.
आप ये भी जानेंगे कि कैसे अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर लाइफ के नए एडवेंचर्स को ट्राई करने की हिम्मत जुटाई जाती है. चाहे आप फेल भी हो जाए तो भी ये समरी आपको सिखाएगी कि कैसे अपने imperfection को एक्सेप्ट करना चाहिए और कैसे अपनी हर गलती से एक सबक लेना चाहिए. उसके बाद चाहे आप हार ही क्यों ना जाएं तो भी आपको एक विनर की फीलिंग आएगी.
आप ये भी सीखेंगे कि कैसे अपनी लाइफ के हर challeging सिचुएशन को एक अपोर्च्यूनिटी में बदला जा सकता है और कैसे एक विनर वाला माइंडसेट अपनाकर अपनी लाइफ को सक्सेसफुल बनाया जा सकता है.
When You Are Losing, Everything Hurts
आप हार को कैसे देखते है ये डिसाइड करता है कि आपकी मेंटलिटी कैसी है, यानि सक्सेस वाली या फेलियर वाली. ज्यादातर लोग अपनी हार पर डिस्कस करना भी पसंद नहीं करते क्योंकि ये उन्हें अपनी कमज़ोरियाँ समझते हैं. एक बार कुछ नया एक्सपीरिएंस करने के लिए, वो सक्सेस के लिए मेहनत तो करते है पर साथ ही फेलियर भी एक्स्पेक्ट करने के लिए तैयार रहते हैं. जब वे फेल हो जाते है तो किसी और चीज़ की ओर बढ़ जाते है.
लेकिन सक्सेसफुल लोग ऐसा नहीं सोचते. अपनी हार को वो अलग नज़रिए से देखते है. उनका मानना है कि अगर वो फेल हो भी गए तो भी कुछ नया ही सीखेंगे. वैसे अगर देखा जाए तो हम अपनी गलतियों से ही सबसे ज्यादा सीखते है.
लोगों को फेलियर बुरे लगते है क्योंकि उन्हें लगता है कि वो अब आगे नहीं बढ़ पा रहे या हार गए है. ज्यादातर लोग हार को नेगेटिव तरीके से लेते है. लीडरशिप मैगज़ीन में एक आर्टिकल छपा था कि ज्यादातर लोग जो हमेशा सक्सेस के पीछे भागते है और जिन्हें हार बर्दाश्त नहीं होती, वो या तो शराबी बन जाते है या डिप्रेशन में चले जाते है या फिर एक्सट्रीम लेवल पर जाकर सुसाईड करने की कोशिश करते है. लेकिन हमें ये याद रखना चाहिए कि हम इंसान है कोई सुपरपावर नहीं और हार-जीत लाइफ का एक हिस्सा भर है, उससे ज़्यादा कुछ नहीं.
गलती करने से इंसान बदल भी जाता है. आमतौर पर ये चेंज पॉजिटिव होता है लेकिन कई बार ये इंसान को डर और झिझक में फँसा लेता है.
हमारे नज़रिए के हिसाब से, फेलियर हमें पॉजिटिव तरीके से भी एफेक्ट कर सकती है और नेगेटिव तरीके से भी. अगर आप अपनी कमजोरियों को ख़ुद पर हावी होने देंगे तो आपकी हालत उस इंसान जैसी हो जाएगी जो एक बॉक्स में बंद होकर रह गया हो और अब वो कुछ नहीं कर सकता. लेकिन अगर आप सीखने का और अपनी गलतियों को इम्प्रूव करने का फैसला कर लोगे तो आप अपनी हार को जीत में बदल सकते हो.
खुद इस बुक के ऑथर जॉन सी मैक्सवेल कई गलतियाँ कर चुके है. उनकी एक गलती जो वो कभी नहीं भूल पाए तब हुई थी जब वो अपने ब्रीफकेस में एक गन लेकर घूम रहे थे.
एक बार जॉन Alabama, बिर्मिंघम के एक चर्च में स्पीच दे रहे थे. जब उनका काम खत्म हुआ तो उनके फ्रेंड क्रिस ने उन्हें गिफ्ट के तौर पर एक गन दी. क्रिस ने उनसे कहा कि ये गन जॉन की वाइफ के लिए है ताकि जब वो ट्रेवल कर रहे हो तो सेफ्टी के तौर पर ये गन अपने पास रख सके. जॉन को गन वगैरह पसंद नहीं थी पर फिर भी अपने फ्रेंड का दिल रखने के लिए उन्होंने गन को अपने पास रख लिया. जॉन ने गन को अपने ब्रीफकेस में रखा था क्योंकि ट्रिप छोटा था इसलिए वो एक प्राइवेट प्लेन में बैठकर अपने घर चले गए.
अगले कुछ दिनों तक जॉन एक और पब्लिक स्पीकिंग इवेंट की तैयारियों में बिज़ी रहे. वो ब्रीफकेस में रखी गन के बारे में एकदम भूल ही चुके थे. जिस दिन उन्हें ट्रेवल करना था, वो एअरपोर्ट पर मेटल डिटेक्टर से होकर गुज़रे तो उन्हें अचानक अपने ब्रीफकेस में रखी गन का ख्याल आया. इससे पहले कि एअरपोर्ट सिक्योरिटी को पता चलता जॉन ने खुद ही एनाउंस कर दिया कि उनके ब्रीफकेस में गन है. जॉन एक मशहूर शख्स थे और एअरपोर्ट पर सबको पता था कि वो कौन है.
उन्होंने जॉन से माफ़ी मांगते हुए कहा कि वो उन्हें हथकड़ी पहनाने के लिए शर्मिंदा है. एअरपोर्ट सिक्योरिटी अपना स्टैण्डर्ड प्रोसीज़र फॉलो कर रही थी. जॉन की किस्मत अच्छी थी कि बेल के बाद उन्हें जल्दी ही छोड़ दिया गया और ये घटना उनके रिकॉर्ड से हटा दिया गया.
लेकिन पब्लिक में ये ख़बर आई तो जॉन ने सिचुएशन को कण्ट्रोल करने की गरज़ से अपने ट्विटर अकाउंट से एक फनी कमेंट डिलीवर किया. वो किस्मतवाले थे कि सबने इसे एक फन एक्सपीरिएंस की तरह लिया. लोग बेशक इस बात को हंसी में ले रहे थे. कुछ लोगों ने जॉन को यहाँ तक कहा कि उन्हें अपनी अगली बुक एअरपोर्ट सिक्योरिटी या फिर गन लेकर जाने पर लिखनी चाहिए.
इस एक्सपीरिएंस के बाद जॉन ने एक नोट लिखकर अपने ब्रीफकेस में डाला जिस पर लिखा था “Sometimes you win, sometimes you learn" यानी कभी आप जीतते हैं, कभी आप सीखते हैं.
अगर जॉन ने इस घटना को नेगेटिव नज़रिए से देखते तो शायद उनका करियर ही तबाह हो जाता, लेकिन उन्होंने अपनी गलती से सबक लिया, उसे भूलकर आगे बढ़े और सक्सेस की राह पर चलते रहे.