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The Power of Gratitude: The Thankful Way to a Happier, Healthier You in Hindi

The Power of Gratitude: The Thankful Way to a Happier, Healthier You in Hindi



इंट्रोडक्शन

सबके साथ पोलाइट रहना, हमें हमारे पेरेंट्स और टीचर्स ने बचपन से ही सिखाया है। जब आप किसी से कुछ मांगें, तो "प्लीज़" कहना, कभी न भूलें। जब कोई दूसरा इंसान आपके लिए कुछ करता है, तो "थैंक यू" कहना, कभी न भूलें। ऐसा करने से, ये दुनिया रहने के लिए एक बेहतर जगह बन सकती है।

लेकिन "थैंक यू" कहने और सच में शुक्रगुज़ार होने में फ़र्क होता है। इंसान के पोलाइट होने से सोसाइटी को बेहतर बनने में मदद मिलती है। लेकिन शुक्रगुज़ार होना आपको बेहतर इंसान बनता है और ज़्यादा खुशहाल ज़िंदगी जीने में मदद करता है।

आपके साथ जो भी बुरी चीज़ें हुई है उन पर फोकस करना बहुत आसान है। अगर आप ऐसा करते रहेंगे तो  हमेशा दुखी रहेंगे। लेकिन इस समरी में दी गई कहानियाँ इस बात को साबित करती हैं कि कैसे शुक्रगुज़ार होने की आदत इंसान की ज़िंदगी बदलने की ताकत रखता है।

पैसों को लेकर होने वाली मुश्किलों का सामना करने से लेकर, जानलेवा बीमारियों से जूझने तक,  ग्रैटिट्यूड यानी शुक्रगुज़ार होने की आदत  ने कई लोगों को उनके चैलेंजेज़ से बाहर निकलने में मदद की है। सबसे ज़रूरी बात ये है कि वो अब ज़्यादा खुश और स्ट्रोंग हैं क्योंकि उनके पास  जो कुछ भी है  उन्होंने उसे appreciate करना सीख लिया है।

The Beauty of Age Spots

कॉनी 40 साल की थीं, जब वो पहली बार एस्थेटिशियन के पास गईं थी। एस्थेटिशियन, एक ऐसा इंसान होता है, जो स्किन से जुड़ी किसी भी बीमारी का ईलाज करता है। अगर सच पूछें, तो कॉनी का एस्थेटिशियन के पास जाने का कोई मतलब नहीं था। लेकिन उसके पास इस क्लिनिक का एक गिफ्ट कार्ड था और अगर वो उसे इस्तेमाल नहीं करती तो वो बेकार हो जाता।

कॉनी ने एस्थेटिशियन को अपने हाथों पर धब्बे दिखाए। एस्थेटिशियन एंड्रिया, ने उन्हें दो बार ये समझाने की कोशिश की कि ये धब्बे सिर्फ उम्र के साथ होने वाले धब्बे हैं। एंड्रिया को अंदाज़ा था कि कॉनी  क्या कहने वाली थी। वो जानती थीं कि कॉनी अपने ऐज स्पॉट्स को लेकर दुखी और परेशान थीं इसलिए, एंड्रिया ने कॉनी को एक क्रीम दिया।

लेकिन, कॉनी बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं। वो मुस्कुरा रही थी और फिर हंस पड़ीं। वो इतनी खुश थी  कि उन्होंने एंड्रिया को गले लगा लिया और ऐसा देखकर उन्हें बड़ा ताज्जुब हुआ।

ऐज स्पॉट्स और सफ़ेद बाल का होना कॉनी को नामुमकिन सा लग रहा था। दरअसल, कॉनी कुछ साल पहले कैंसर से जूझ रही थीं। उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि वो कभी ऐसा दिन देखने के लिए जिंदा रहेंगी, जब वो खुद को बूढ़ा होते देख सकेंगी।

कॉनी ने एंड्रिया को ये बात बताई, जिन्हें अब समझ में आया कि कॉनी बढती उम्र के निशान को देखकर इतना खुश क्यों थी।

आज  60 साल की उम्र में, कॉनी बढती उम्र के हर निशान को सेलिब्रेट करती हैं: उनके लिए ये वो गिफ्ट था जिसका  उन्हें लंबे वक़्त से इंतज़ार था।
 
Note to Self
9 साल की एलिसिया अपनी माँ से गुस्सा थी। उन्होंने एलिसिया को साढ़े नौ बजे ही सोने को कह दिया था। एलिसिया के गुस्से की वजह ये नहीं थीं क्योंकि उसके सोने का वक़्त तो हमेशा साढ़े नौ बजे  ही होता था।

दरअसल, उसे इस बात पर गुस्सा आ रहा था कि उसकी माँ उसके सोने के बाद क्या करती  थीं। उसकी माँ, उसके सोने के कुछ समय बाद अपने बेडरूम में जाती थीं। लेकिन उस रात, एलिसिया ने अपनी माँ को कागज़ पर कुछ ड्रॉ करते हुए देखा।

एलिसिया बहुत गुस्से में थी। उसे इस बात से गुस्सा आ रहा था कि आज उसकी माँ कागज़ बर्बाद कर रही थीं जबकि एक हफ्ता पहले ही एलिसिया ने उनसे कुछ बनाने के लिए कागज़ माँगा था। एलिसिया को drawing करने के लिए कागज़ चाहिए था। लेकिन, महंगा होने की वजह से उसकी माँ ने उसे  खरीदने से मना कर दिया था।

एलिसिया अपने बिस्तर पर लेटकर रोने लगी। वो सोच रही थी कि ये कितनी  गलत बात  है कि उनके पास इतने कम पैसे हैं। दूसरी तरफ, कुछ  लोग पैसे की चिंता किए बिना आसानी से कागज़, पेन और क्रेयोंस खरीद सकते थे।

अगली सुबह, एलिसिया ने अपनी माँ को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की। उसने कहा कि वो नाश्ता भी नहीं करना चाहती। उसकी माँ को अपनी बेटी के खराब मूड से परेशान नहीं थी। उसकी माँ ने अपने कंधे उचकाते हुए कहा, "अच्छा, तो मुझे  लगता है कि शायद  तुम्हें ये भी नहीं चाहिए।"

एलिसिया ने अपनी माँ की तरफ जब देखा तो उनके हाथ में पेपर का एक बंडल था। जब उसने उन्हें ध्यान से देखा तो उस बंडल  पर उसके favourite कार्टून करैक्टर्स की पिक्चर बनी हुई थीं, जैसे  विनी द पूह, टिंकरबेल वगैरह।

ये बात तो  साफ़ था कि एलिसिया की माँ ने लगभग रात भर बैठकर उन करैक्टर्स को ड्रॉ किया था । एलिसिया उनसे पूछने ही वाली थी कि उन्होंने ऐसा क्यों किया कि  तभी अचानक उसे  कुछ याद आया।

एक हफ्ता पहले, एलिसिया की टीचर ने उनसे स्टेशनरी पेपर लाने के लिए कहा था क्योंकि उस पर उन्हें अपने दोस्तों के लिए कुछ लिखना था। एलिसिया ने ये बात अपनी मां को बताई थी, लेकिन उसकी मां ने कहा था  कि एलिसिया को सिर्फ ऑर्डिनरी  कागज़ का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें खाने जैसी ज़्यादा ज़रूरी चीज़ों पर पैसा खर्च करने की ज़रूरत थी।

उसकी माँ ने उसके लिए कितनी मेहनत की थी ये देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई। अपना स्कूल का काम करते हुए  एलिसिया को ऐसा महसूस हो था जैसे वो दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की है।

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