Book by Spencer Johnson in Hindi
परिचय (Introduction)
क्या आप चेंज से निपटने का कोई इफेक्टिव तरीका जानते है? अगर अचानक आपकी जॉब छूट जाए तो आप क्या करोगे? अगर आपके बिजनेस में अचानक से कोई प्रॉब्लम आ जाये तो कैसे मैनेज करोगे ? लाइफ में कुछ भी परमानेंट नहीं है. लाइफ में चेंज हमेशा आयेंगे. फर्क सिर्फ इतना है कि आप उन चेंजेस या चेलेंजेस को कैसे फेस करते हो. व्हू मूव्ड माई चीज़ की स्टोरी 4 लोगो के बारे में है. जिनमे से एक आपको लाइफ में आने वाले चेंजेस से निपटने का बेस्ट तरीका बताएगा. हमारी स्टोरी के ये केरेक्टर्स एक मेज़ यानी भूल भुलैय्या में रहते है जिसमे कई सारे रूम्स और कॉरिडोर्स है. चीज़ हमारी लाइफ के डिजायर्स को रीप्रेजेंट करती है फिर चाहे वो कोई स्टेबल जॉब हो या एक सक्सेसफुल बिजनेस या फिर एक लविंग फेमिली या गुड हेल्थ और पीस ऑफ़ माइंड. किसी दिन अगर ये चीज़ आपसे छीन ली जाए तो क्या होगा? तब आप क्या करोगे? आप स्टोरी के इन चारो केरेक्टर्स के थ्रू खुद को देख सकते हो. कभी-कभी चेंज एक्स्पेट करना काफी हार्ड होता है. कई बार आप फ्यूचर के बारे में सोचकर इतने डिप्रेस्ड और होपलेस हो जाते हो कि कुछ समझ नहीं आता. जैसे-जैसे आप इस स्टोरी के केरेक्टर की एडवेंचर भरी स्टोरी फोलो करते जायेंगे, आपको कुछ वैल्यूएबल लेसंस सिखने को मिलेंगे जो आप अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते है.
व्हू मूव्ड माई चीज़( Who Moved My Cheese?
काफी पहले की बात है, एक डिस्टेंट लैंड में 4 केरेक्टर एक मेज़ के अंदर रहते थे. उनमे से दो तो चूहे थे और उनके नाम थे स्निफ और स्करी (Scurry). बाकी के दो इंसान थे लेकिन चूहे जितने ही साइज़ के और उनके नाम थे हेम और हाव् (Hem and Haw).
स्निफ और स्करी गुड बिहेवियर वाले सीधे-सादे चूहे थे. दोनों सारा दिन चीज़ के लिए सर्च, स्निफ और स्करी करते थे जैसा कि सारे चूहे करते है. जबकि हेम और हाव् का इंसानों जैसा ही थोडा ज्यादा काम्प्लेक्स ब्रेन था. उनके अंदर इमोशंस थे और अपने बिलिफ्स भी. चीज़ उनके लिए भी उतनी ही प्रिसियस थी जितनी कि चूहों के लिए. क्योंकि चीज़ देखकर उन्हें भी उतनी ही ख़ुशी मिलती थी.
हर सुबह चूहे और छोटे इंसान अपने रनिंग शूज़ पहन के रेडी हो जाते थे. वो चारो अपने छोटे होल्स से निकलते और चीज़ की तलाश में पूरी भूल-भुलैय्या का चक्कर काटते. मेज़ ट्विस्ट और टर्न से भरी थी जिसमे ना जाने कितने दरवाजे और चैम्बर्स थे. कुछ चैबेर्स के अंदर चीज़ थी और कुछ एकदम डार्क और एम्प्टी थे जहाँ कोई भी अपना रास्ता भटक सकता था. इस भूल-भुलैय्या के अंदर कई सारे ऐसे सीक्रेट्स थे जो अगर किसी को मिल जाए तो उसकी लाइफ खुशियों से भर सकती थी. स्निफ और स्करी अपनी सर्च के दौरान ट्रायल और एरर यूज़ करते थे. वो किसी कॉरिडोर में घुसते, अगर ये एम्प्टी होता तो वापस लौट आते और आगे बढ़ जाते. वो नोटिस करते कि कौन सा कॉरिडोर एम्प्टी है और नए की तलाश में जुट जाते. लेकिन हेम और हाव् कॉम्प्लेक्स ब्रेन वाले थे इसलिए चीजों को देखने का उनका नजरिया भी कॉम्प्लेक्स था. अक्सर उनके इमोशंस और बीलीफ्स उन पर हावी हो जाते थे. और इसलिए उनकी तलाश भी ज्यादा चेलेंजिंग और कॉम्प्लीकेटेड होती थी. लेकिन चीज़ स्टेशन तक पहुँचने के उन चारो के ही अपने-अपने तरीके थे.
ये वो जगह थी जहाँ चीज़ के ढेर के ढेर लगे रहते थे. चीज़ के इस खजाने को ढूढने के बाद स्निफ, स्करी, हेम और हाव् अपने-अपने रूटीन के हिसाब लाइफ जी रहे थे. स्निफ और स्करी सुबह जल्दी उठते थे. वो अपने रनिंग शूज़ पहनकर स्टेशन सी तक दौड़ लगाते. वहां पहुंचकर दोनों अपने शूज़ उतारकर अपनी गर्दन में टांग में लेते ताकि जल्दी से दुबारा पहन सके. उसके बाद स्निफ और स्करी चीज़ जी भर के खाते. हेम और हाव इस मामले में थोड़े डिफरेंट थे. दोनों सुबह लेट उठते और स्लो वाक् करते हुए स्टेशन सी तक जाते. उन्हें कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि उन्हें पता था कि वहां उनको हमेशा चीज़ का खज़ाना मिलेगा. स्टेशन सी पहुंचकर दोनों थोडा रेस्ट करते, थोडा रिलेक्स होते. अपने शूज़ उतारकर दोनों स्लीपर्स पहन लेते थे. आफ्टर आल इतना बड़ा चीज़ का खजाना जो उनके लिए मौजूद था तो फिर जल्दी किस बात की.