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The Mountain Is You: Transforming Self-Sabotage Into Self-Mastery in Hindi

The Mountain Is You: Transforming Self-Sabotage Into Self-Mastery



इंट्रोडक्शन  
अपनी  ज़्यादातर   ज़िंदगी में, कुछ लोग पहाड़ चढ़ने की ट्रेनिंग लेते हैं। ये लोग सबसे ऊंचा पहाड़ जैसे की Mt Everest पर  चढ़ना अपना पर्सनल गोल बना लेते हैं। ऐसे लोगों पर कहानियां और documentaries बनाई  जाती हैं। वो लोग जो करते हैं वो करना आसान काम नहीं है। 

हर रोज़ आप भी अपना  ख़ुद का पहाड़ चढ़ते हैं। चाहे वो आपके जॉब, करियर या  फ़िर रिलेशनशिप्स  के रूप में हो। ये पहाड़ कुछ अलग भी हो सकता है, जैसे कि शायद आपका आत्म सम्मान। या  फ़िर हो सकता है कि आप अपनी  ज़िंदगी से  ख़ुश ना हों। 

चाहे जो भी हो, आप उससे लड़ रहे हैं। आप अपने कदम आगे रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन  फ़िर भी आप  ख़ुद को कभी अपने पहाड़ की ऊँचाई पर पहुंचते हुए नहीं देखते हैं। ऐसा क्यों होता है?

ऐसा इसलिए होता  है क्योंकि आप जान बूझकर  ख़ुद को हराते हैं। इसे self-sabotage यानी ख़ुद को नुक्सान पहुंचाना या बर्बाद करना कहते हैं. अगर आप सच में ख़ुशहाल   ज़िंदगी जीना चाहते हैं, तो आपको  ख़ुद को नुक्सान पहुँचना बंद करना होगा और ऐसा करने में  यह समरी आपको गाइड करेगी। 
 

The Mountain is You 
Self-sabotage एक  पॉपुलर टर्म है। अगर आसान शब्दों में कहें  तो इसका मतलब है  ख़ुद को वो पाने से रोकना जो आप ज़िंदगी में हासिल करना चाहते हैं। जैसे की, आप स्कूल में अच्छे मार्क्स लाना चाहते हैं  ताकि आप टॉप  स्टूडेंट बन पाएँ, लेकिन फ़िर आपके अंदर की एक आवाज़ आपको आपकी काबिलियत पर शक करने के लिए कहती है। वो आवाज़ कहती है “अगर तुम्हारा बेस्ट भी टॉप स्टूडेंट बनने के लिए काफी नहीं हुआ तो?”

ये आपको स्कूल में अपना बेस्ट एफर्ट लगाने से रोक देता है। आप जानबूझकर अपना बेस्ट नहीं करते। ये self-sabotage का सबसे अच्छा example है। हालाँकि,  ज़्यादातर  self-sabotage की स्ट्रेटेजी के बारे में साफ़-साफ़ पता नहीं चलता है। आपको इस बात का एहसास ही नहीं होता कि आप हर बार  ख़ुद को नुक्सान पहुँचा रहे हैं। 

किसी भी चीज़ से डील करने के लिए Self-sabotage सही तरीका नहीं है। ऐसा करके  आप  ख़ुद को जानकर उन जरुरी चीजों से दूर कर देते हैं जो आपको सबसे  ज़्यादा चाहिए होती है। अगर आप किसी  प्रमोशन के लायक नहीं हो तो? अगर आप एक रिलेशनशिप को हैंडल नहीं पा रहे हो तो? Self-sabotage डर की वजह से होता है। आपको डर होता  है कि आप उन चीजें या लोगों के लायक नहीं हैं जो आपकी  ज़िंदगी में हैं। 

       Self-sabotage अनजाने में  गलत लोगों की संगत की वजह से भी होता है। आपकी  ज़िंदगी बस उतनी नहीं है जितना आप उसके बारे में सोचते हैं। आपकी  ज़िंदगी इस बात पर भी डिपेंड करती है कि आप  ख़ुद के बारे में क्या सोचते हैं। इसे self-concept कहते हैं। एक इंसान के  Self-concept पर, उसके माता पिता, दोस्त और आस पास के लोगों का गहरा असर  पड़ता है। यह आपके पर्सनल एक्सपीरियंस  से भी बनता है। 

                   मान लीजिए कि financially stable होना आपका गोल है। लेकिन  फ़िर भी, आप कभी अपने गोल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। आप पैसा बचाने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन फ़ेल हो जाते हैं। इसका  एक कारण यह हो सकता है कि शायद आप  ख़ुद को नुक्सान पहुँचा रहे हैं। अब सोचिए कि आपने पैसों के बारे में कैसे सोचा है। पैसों को लेकर आपके पेरेंट्स की सोच कैसी थी? क्या वे लापरवाह तरीके से पैसे खर्च करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि वो उसे  फ़िर कमा लेंगे? 

             आपके दोस्त पैसों के बारे में क्या सोचते हैं? क्या वे अपने कमाए हुए पैसों  को समझदारी से खर्च करते हैं या पैसों को लेकर उनका रवैया भी ख़राब ही है? इन बातों का आपके unconscious माइंड पर गहरा असर पड़ता  है। बदले में, आप  ख़ुद को नुक्सान पहुंचाते रहते हैं क्योंकि आपने पैसों को लेकर unhealthy mindset अपना लिया है। 

                   तो, आप अपनी self-sabotage करने की आदत को कैसे बदल सकते हैं? आप एक ऐसी आदत को कैसे ठीक कर सकते हैं  जो आप बार बार दोहराते हैं  लेकिन आपको उसके बारे में पता ही नहीं है?

           सबसे पहले, इस बात से इनकार करना बंद करें। ये सोचना बंद करें  कि आप कम पैसा इसलिए कमाते हैं  क्योंकि यह self-love होता है। सच तो ये है कि  आप  ख़ुद को  और पुश करना ही नहीं चाहते  इसलिए आप  मेहनत नहीं करते हैं। यह कहना भी बंद करें की आप जो हैं उससे संतुष्ट हैं। 

फ़िलहाल इस बात के बहुत चांसेस हैं कि  आप जो हैं उससे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।  फ़िर भी, आप इस बात को सही ठहराते हैं कि आप अपने ड्रीम जॉब या अपनी ड्रीम गर्ल को पाने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है  क्योंकि आप तैयार नहीं हैं या  फ़िर कोई और इसे deserve करता है। 
बहाने बनाना बंद करें। 

दूसरा, एक पेपर पर हर वो चीज लिखें जिससे आप  ख़ुश नहीं हैं। इस बारे में  साफ़ साफ़ लिखें। अगर आप पैसो की तंगी से जूझ  रहे हैं तो लिखें  की असल में वो क्या चीज है जिससे आप लड़ रहे हैं? अपने लोन और खर्चो के बारे में लिखें। अगर आप  ख़ुद को पसंद नहीं करते हैं, तो वो कौन सी बात है जो आपको ख़ुद में  नापसंद है? क्या वो आपका वेट है, आपका बर्ताव है या  फ़िर आपकी नाक है?

कुछ लोगों को इस बात से नकारने की आदत से बाहर आने में सालों लग जाते हैं।  ख़ुद से सवाल जवाब करना आसान नहीं होता। लेकिन अगर आप उस मुकाम तक पहुंच गए तो आपके पास चॉइस भी होगा। आप चाहें  तो उस चीज़ों के साथ वैसे ही जी सकते हैं जैसे अब तक जीते आ रहे थे या  फ़िर उसके बारे में कुछ कर सकते हैं।  

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