Bechne Ka Sabse Alag Tareeka Book

Bechne Ka Sabse Alag Tareeka

How to Sell Without Selling (Hindi)
आपके बिज़नेस को एक नया और अनोखा दृष्टिकोण देने वाली बुक।

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The 48 Laws of Power In hindi

The 48 Laws of Power in hindi



परिचय 
“द फोर्टी एट लॉज़ ऑफ़ पॉवर” एक क्लासिक बुक है जो सबसे पहले 1998 में पब्लिश हुई थी और जल्द ही ये एक इंटरनेशनल बेस्टसेलर बन गई। इसमें लिखी हुई 48 एडवाइस पढ़कर कोई भी इंसान पॉवर हासिल कर सकता है। हर एडवाइस के साथ लेखक ने अलग-अलग लोगो की अलग-अलग कहानियां दी है ताकि रीडर्स को प्रिंसिपल समझने में आसानी हो। किताब की शुरुवात में दिए गए कुछ लॉज़ को लेकर हमने ये समरी बनाई है जिनके बारे में हम यहाँ जानेगे। “अगर ये दुनिया जालसाजियों से भरा हुआ कोर्ट है और हम अंदर फंस ही चुके है तो कोई फायदा नहीं होगा कि हम बिना लड़े बाहर आने की कोशिश करे” हम शायद नोटिस ना कर पाए मगर सच तो ये है कि हमें पॉवर के लिएरोज़ ही स्ट्रगल करना पड़ता है।
 
परिवारके अन्दर, काम पर या कम्युनिटी में, लगभग हर जगह हमें खुद के लिए लड़ना पड़ता है।हम चाहे या ना चाहे मगरइस दुनिया में रहने के लिए हमें पॉवर की ज़रुरत पड़ ही जाती है। इसीलिए हमें खुद को किसी हाल में पॉवरलेस नहीं बनने देना है क्योंकि ऐसा करना खुद के पैरो पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा। “ सच बात तो ये है कि जितनी ज्यादा पॉवर हमें हासिल होगी, हम उतने ही बढ़िया दोस्त, लवर, हसबैंड, वाइफ और इंसान बन पाएंगे”। मगर दुसरो पर या चीजों को अपने पॉवर में करने से पहले ज़रूरी है कि हमारा पॉवर खुद पर और इमोशन पर हो। जब हमारे साथ कुछ होता है तो उस बात के ऊपर एकाएक इमोशनल रिएक्ट करने की आदत को कैसे कण्ट्रोल करे, यही हमें सीखना है। क्योंकि हर बात पर तुरंत रिएक्ट करने से रीजनिंग पॉवर कम होने लगती है।
 
इससे आप किसी बात को क्लीयरली सोचे समझे बगैर इमोशन में आकर गलत डीसीज़न भी ले सकते है। अपने इमोशन को कण्ट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है खासकर बात जब प्यार और गुस्से की हो। इन फीलिंग्स को आप बिलकुल ही फील ना कर पाए ये तो हो नहीं सकता इसलिए ऐसी कोशिश भी ना करे। बस इतना ध्यान रखे कि आपको अपनी फीलिंग एक्सप्रेस करते वक्त थोडा केयरफुल रहना है क्योंकि पॉसिबल है कि आपके दुश्मन इसे आपके खिलाफ इस्तेमाल कर सकते है। अब जब आप ये फाउन्डेशन समझ गए हो तो इसके पहले लॉ के बारे में सीखते है। दोस्तों पर ज़रुरत से ज्यादा भरोसा ना करे, अपने दुश्मनों का इस्तेमाल करना सीखे हान डाइनेस्टी खत्म होने के 700 सालो बाद भी चाइना में अफरा तफरी बनी रही।
 
राजगद्दी के लिए छीना-झपटी चलती रहती थी। हर नए राजा को मौत के घाट उतार दिया जाता था और आर्मी तख्तापलट करती रहती थी। पॉवर की ये लड़ाई खून और मार-काट से रंगी हुई थी। ऐसे ही एक राजा को उसके जेर्नल्स ने मार डाला और उसके बाद अपने में से ही सबसे स्ट्रोंग आदमी को चुनकर उसे राजा बना दिया था। इस नए राजा ने भी अपनी कुर्सी सलामत रखने के लिए अपने सारे पॉवरफुल आदमियों को मरवा दिया। मगर कुछ सालो में वो खुद भी मारा जायेगा क्योंकि उससे छोटी उम्र वाले नए जेर्नल उसके खिलाफ साजिश रचकर उसको और उसके बेटो को मार देंगे। ये पैटर्न यूँ ही चलता रहेगा। जो भी राजा बनेगा उसकी जान हमेशा खतरे में रहेगी क्योंकि उसका हर कोई दुश्मन है।
 
चाइना का एम्परर बनने का मतलब है एक अकेला, इनसिक्योर राजा जिसके हाथ में कोई असली पॉवर नहीं है मगर जब 959 एडी में जेर्नल चाओ कुयांगयिन को पॉवर मिली तब ये सारा गेम ही चेंज हो गया। वो एम्परर सुंग बना। उसे अपनी सिचुएशन के बारे में अच्छे से पता था कि आने वाले कुछ सालो बाद उसका भी खून हो सकता है। उसने इस चीज़ को रोकने का रास्ता सोचा। राजा बनने के बाद एम्परर सुंग ने अपने सभी आर्मी जेर्नल को पार्टी सेलीब्रेट करने के लिए इनवाईट किया। पार्टी में जब लोग वाइन के नशे में धुत्त हो गए तब एम्परर ने जेर्नल्स को छोड़कर बाकी लोगो और गार्ड्स को वहां से चले जाने का हुक्म दिया। अब एम्परर के साथ कोर्ट में सिर्फ जेर्नल्स रहे गए थे, उन्होंने सोचा कि एम्परर सुंग उन्हें मरवाने का हुक्म देगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। 
 
एम्परर सुंग ने उनसे कहा“रोज़ मेरा दिन डर के साये में गुज़रता है। खाने की टेबल और मेरे बिस्तर दोनों जगहों पर मुझे मज़ा नहीं आता” मुझे यकीन है कि आप में से कोई भी अपने साथ यही सब देखने के लिए राजा बनने के सपने नहीं ले रहा होगा। एम्परर सुंग की बात सुनकर जर्नल्स डर गए, उन्होंने एम्परर के खिलाफ कोई साजिश ना रचने और हमेशा वफादार बने रहने का वादा किया। मगर एम्परर सयाना था उसे पता था कि दौलत के लालच में इंसान कुछ भी कर सकता है। एम्परर सुंग ने उनसे वादा किया” जिंदगी जीने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि इज्ज़त और अमीरी में सुकून भरे दिन गुज़ारे जाए, अगर आप लोग अपना कंट्रोल छोड़ने को तैयार हो तो मै वादा करता हूँ कि आप सब को फाइन एस्टेट और दौलत से मालामाल कर दूंगा” 
 
जर्नल्स हैरान थे कि एम्परर उन्हें दौलत और सिक्योरिटी देना चाहता है अब उन्हें डरने की कोई ज़रुरत नहीं थी। अगली सुबह हर एक जर्नल को उसकी पोस्ट रिजाइन कर दी गई। और साथ ही उन्होंने एम्परर सुंग से अपना रिटायर्मेंट भी एक्सेप्ट कर लिया। अब वे अपने-अपने एस्टेट के नोबेल और मास्टर बन गए थे जो एम्परर ने उन्हें बख्सा था। सिर्फ एक ही झटके में एम्परर सुंग ने अपने दुश्मनों को अपना वफादार बना लिया था। एम्परर सुंग अपना किंगडम एक ही झंडे के नीचे लाना चाहता था। दूर साउथ के इलाके हान में सालो से बगावत की लड़ाई चल रही थी। लियु वहां का राजा था। जब रेबेल ने सरेंडर किया तो एम्परर ने उन्हें कोई पनिश नहीं किया बल्कि उसने रजा लियु को अपने कोर्ट में एक पोजीशन दे दी।
 
यही नहीं एम्परर ने दोस्ती के तौर पर उसे अपने साथ वाइन पीने के लिए इनवाइट किया। पैलेस में एम्परर सुंग ने राजा लियु को वाइन का ग्लास दिया पर राजा लियु पीने से डर रहा था क्योंकि उसे लगा कहीं इसमें ज़हर ना हो। उसने एम्परर से कहा” योर मेजेस्टी, मै जानता हूँ कि जो गलती इस गुलाम से हुई है उसकी सजा सिर्फ मौत है मगर फिर भी मै आपके सामने जान की भीख मांगता हूँ इसलिए मुझे माफ़ करे क्योंकि मै ये वाइन नहीं पी सकता” ये बात सुनकर एम्परर हंस पड़ा। उसका कोई इरादा नहीं था राजा लियु को ज़हर देने का। रजा लियु को यकीन दिलाने के लिए उसने वो वाइन खुद पी ली। उस दिन से राजा लियु एम्परर का लॉयल बन गया। जो कभी बहुत बड़ा रेबेल था अब वही एम्परर का सबसे पक्का दोस्त बन गया था। 
 
एम्परर सुंग ने जर्नल्स को बड़े-बड़े एस्टेट गिफ्ट करके होशियारी का काम किया था। अब उनसे एम्परर को कोई डर नहीं था। उन्हें मारने से तो अच्छा था कि अपना लॉयल बना लिया जाए और इससे आर्मी का तख्तापलट भी हमेशा के लिए रुक गया। एम्परर सुंग पहला था जिसने चाइना में सिविल वार और वायोलेंस को खत्म किया। सुंग डाईनेस्टी तीन सेंचुरी तक चाइना में राज करती रही। “वो आदमी जिंदगी भर आपका एहसानमंद रहेगा जिसे आपने मौत की सजा से बचाया हो, ऐसा आदमी आपकी खातिर दुनिया के आखिर कोने में भी चला जाएगा” जब आप अपने दुश्मनों से दोस्ती कर लेते है तो वो आपके दोस्तों से भी ज्यादा भरोसेमंद निकलते है।
 
 हमारे दोस्त अक्सर लड़ाई ना हो जाए ये सोच कर हर बात पर हामी भर लेते है। आपको बुरा ना लगे इसलिए वे अपनी क्वालिटी छुपा कर रखते है। हो सकता है कि आप उनको इतने अच्छे से नहीं जानते जितना आपको लगता है। हो सकता है कि वे आपसे जलते हो। जब कोई मुसीबत आती है तो अक्सर दोस्त भाग जाते है “दूसरी तरफ आपके दुश्मन है जो किसी सोने की खान से कम नहीं है बस आपको ये खान खोदनी है” 

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