क्या आप भी $1000 डॉलर्स कमाने के 1000 तरीके जानना चाहते है? इस बुक summary में हम आपको अलग-अलग लोगो की कुछ ऐसी ही स्टोरीज़ बताने जा रहे है जो अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करने में सक्सेसफुल रहे और आज एक हैप्पी लाइफ जी रहे है. इनमे से कुछ लोग तो ऐसे है जिनके पास पहले कोई जॉब नहीं था, और कुछ ने यंग एज में ही अपना काम स्टार्ट कर दिया था. हालाँकि इन लोगो को हर तरह की मुश्किल आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 1000 वेज़ टू मेक 1000 डोलर्स सबसे पहले 1930 में छपी थी. ये एक क्लासिक बुक है जिसके प्रिंसिपल्स आज भी काफी रेलेवेंट है. फेमस ऑथर वारेन बुफे(Warren Buffet) अपनी एज में इसी बुक को पढकर इंस्पायर हुए थे. इसीलिए आज की जेनरेशन के लिए इसे फिर से अवलेबल कराया जा रहा है.
हाउ टू स्टार्ट योर ओन बिजनेस (How to Start Your Own Business)
अपना खुद का बिजनेस आज ही स्टार्ट करे, इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा. अगर आपको लगता है कि आपका प्रोडक्ट या सर्विस जो आप दे सकते है, वो लोगो को पसंद आएगी तो आज से ही अपने बिजनेस की शुरुवात करे. कल का वेट ना करे, और ना ही ये सोच कर टाइम वेस्ट करे कि अभी सिचुएशन ठीक नहीं है. क्योंकि जो आप अभी नहीं कर सकते वो कभी नहीं कर पायेंगे. लोगो को जो कहना है कहने दे. अगर आप उन मुश्किलों के बारे में सोच रहे है जो बिजनेस में फेस करनी पड़ेंगी तो आप कोई स्टेप ले ही नहीं पाओगे इसीलिए टेंशन छोडकर अभी से शुरुवात करो. बस आपके अंदर डीटरमिनेशंन (determination),एक ड्राइव होनी चाहिए जिसे लोग “गट्स” बोलते है. अगर आपके अंदर भी सक्सेसफुल होने की गट्स (guts) है तो आप कभी हार नहीं सकते,
बेशक शुरुवात में कुछ मुश्किलें फेस करनी पड़े. आपका गोल है सक्सेसफुल होना, पैसा कमाना ताकि आप एक बैटर लाइफ जिए. और ये सब पाने के लिए आप अभी से अपनी जर्नी स्टार्ट कर दो. शायद आप सोच रहे होंगे कि आपके पास बिजनेस में लगाने के लिए पैसा तो है ही नहीं. लेकिन उसका भी अरेंजमेंट हो सकता है. सबसे इम्पोर्टेंट चीज़ कि आप के अंदर वो विल पॉवर होनी ज़रूरी है. अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करो और कल नहीं आज ही करो. गुस्तावुस स्विफ्ट “Gustavus Swift” की स्टोरी से आप इंस्पिरेशन ले सकते है, एक यंग मेन जिसे चलने फिरने की दिक्कत थी. वो एक छोटे से विलेज में रहता था. उसके पास पैसा नही था लेकिन उसके अंदर एक गट्स थी.
उसके विलेज के बाकी यंग बॉयज भी पैसे कमाने के कुछ करना चाहते थे लेकिन स्विफ्ट ने अपना टाइम सोचने में वेस्ट नहीं किया उसने शुरुवात की. उसे मीट की ड्रेसिंग आती थी तो उसने एक मीट का बड़ा सा पीस लिया और उसकी बढ़िया सी ड्रेसिंग कर दी. फिर वो मीलो दूर चलकर गया उस बढ़िया क्वालिटी के मीट को बेचने के लिए. उसे ये काम बुरा नहीं लग रहा था बल्कि उसे तो एक एडवंचरस टाइप का लग रहा था. फिर कुछ टाइम बाद ही वो शिकागो आ गया जहाँ उसने अपना स्विफ्ट पैकिंग बिजनेस स्टार्ट किया. और आज स्विफ्ट का नाम लीडिंग प्रोसेस्ड मीट ब्रांड्स में से एक है. आप के पास भी बहुत सारे बिजनेस आईडियाज होंगे, लेकिन उनमे से आपको कोई एक बढ़िया वाला चूज़ करना है.
जिसके बारे में आपको कोई नॉलेज हो. जैसे कि मिसेज स्नीड (Mrs. Snead ) ने अपना टोमेटो जूस का बिजनेस खोला. ये तब का बात है जब डिप्रेशन का दौर था, स्नीड फेमिली(Snead family) एवंस्टोन, इलेनॉइस (Evanston, Illinois) में रहती थी. मिस्टर स्नीड (Mr. Snead ) की जॉब चली गयी थी और अब पूरी फेमिली को सर्वाइव के लिए भी स्ट्रगल करना पड़ रहा था. उनके दो बेटे कॉलेज स्टूडेंट्स थे. एक दिन किसी फ्रेंड ने उन्हें फ्रेश टोमेटोज़ का एक बॉक्स भेजा तो मिसेज स्नीड (Mrs. Snead decided ) ने सोचा क्यों ना टोमेटो जूस बनाया जाए. उन्होंने उन फ्रेश और जूसी टोमेटोज़ का टेस्टी जूस निकाला और अपने नेबर्स (neighbours) को भी कुछ बोटेल्स भिजवा दी. उनका टोमेटो जूस लोगो को बड़ा पसंद आया.
मिसेज स्नीड को लगा कि ऐसा जूस तो वो बहुत बना सकती है. उन्होंने ये आईडिया अपने हजबैंड और दोनों बेटो को बताया. और इस तरह उन्होंने टोमेटो जूस का बिजनेस स्टार्ट कर दिया जिसका नाम रखा गया “मोर्निंग ग्लोरी” “Morning Glory” टोमेटो जूस. हालांकि मोर्निंग ग्लोरी मार्किट में मिलने वाले दुसरे ब्रांड्स से थोडा सा कॉस्टली था लेकिन फिर भी लोग इसे लेते थे क्योंकि एक तो ये टेस्टी था, दूसरा होममेड था. मोर्निंग ग्लोरी फ्रेश और बढ़िया क्वालिटी के टोमेटो से बनता था इसलिए इसकी क्वालिटी बैटर थी. उनका बिजनेस इतना चला कि सनीड्स को रेलरोड के साथ में एक प्लांट रेंट पे लेना पड़ा. उनके कस्टमर्स बढ़ते जा रहे थे ज्यादा जूस के लिए टोमेटोज की डिमांड थी. अब वे होटल्स और रेलरोड कंपनीज को भी सप्लाई करते थे.
फिर धीरे-धीरे मोर्निंग ग्लोरी ने बाकी फ़ूड प्रोडक्ट्स भी रखने शुरू कर दिए. और ये सब हुआ मिसेज स्नीड (Mrs. Snead) के आईडिया से जो उन्हें अपने किचेन में आया था.$1000 से क्यों बिजनेस स्टार्ट किया जाए ? क्योंकि ये अमाउंट रिजनेबल है जो आपको फोकस और मोटिवेशन देगा. ज़्यादातर लोग इसलिए फेल होते है क्योंकि उनके बिजनेस में टारगेट की कमी होती है. अमाउंट सेट करने से आपके पास एक क्लियर ऑब्जेक्टिव होगा. ओटो स्च्नेरिंग(Otto Schnering ) 21 की एज में ही खुद का बिजनेस स्टार्ट करना चाहता था. उसने $100 में एक कैंडी मेकिंग मशीन ली. उसे कैंडी बिजनेस में सक्सेस दिख रही थी. उसने कैंडीज का फर्स्ट बैच बनाया लेकिन उसकी कैंडीज नहीं बिकी. ओटो ने वही मिस्टेक की जो अक्सर बाकी बिजनेसमेन करते है.
अगर आप अपनी पसंद का प्रोडक्ट बनाओगे तो वो शायद ही बिके लेकिन अगर आप लोगो की पसंद का प्रोडक्ट बनाओगे तो ज़रूर बिकेगा. ओटो ने अपनी चॉइस की कैंडीज बनाई थी लेकिन उसने कस्टमर की चॉइस के बारे में नहीं सोचा. लेकिन ओटो अपनी मिस्टेक जल्दी समझ गया. उस टाइम तीन टाइप की बेस्ट सेलिंग कैंडीज थी जो लोगो को बड़ी पंसद थी और ये चोकलेट, पीनट और कैरेमल के टेस्ट में आती थी. ओटो को एक कैंडी बार के लिए परफेक्ट रेसिपी बनाने में तीन साल लगे. उसने तीनो बेस्ट सेलर टेस्ट एक ही कैंडी में डाल दिए थे. और इस तरह बेबी रूथ का जन्म हुआ. इस कैंडी बार में चोकलेट, पीनट और कैरेमल तीनो फ्लेवर थी और प्राइस भी बस फाइव सेंट पर बार.(five cents per bar). ओटो स्च्नेरिंग (Otto Schnering )ने बेबी रूथ नाम इसलिए रखा क्योंकि ये बोलने और याद करने में ईजी लग रहा था.
उसने $1000 लगाए थे लेकिन अब वो इससे कहीं ज्यादा कमा रहा था. मिसेज मैकडौगल (Mrs. MacDougall ) न्यू यॉर्क सिटी में रहने वाली एक विडो थी. अपने हसबैंड की मौत के बाद वो अकेले ही तीनो बच्चो को पाल रही थी. अपने घरेलु कामो के अलावा उसे एक ही काम आता था और वो था कॉफ़ी ब्लेंडिंग बिजनेस जो उनके हसबैंड चलाते थे. लेकिन मिसेज मैकडौगल के पास ज्यादा पैसा नहीं था इन्वेस्ट करने के लिए. उनके साथ जो बाकी के कॉफ़ी बिजनेस चलाने वाले थे, उन्हें लगता था कि वो 6 मंथ्स से ज्यादा नहीं टिक पायेगी लेकिन मिसेज मैकडौगल ने उन सबको रोंग प्रूव किया. उसने न्यू यॉर्क में 75 मिल्स तक का एरिया मैप किया और पर्सनली अपने बिजनेस के लिए मार्केटिंग की.
उसने होस्पिटल्स, क्लब्स और सेनीटोरियम्स में सप्लाई शुरू कर दी. सिर्फ 2 साल में ही मिसेज मैकडौगल ने $20,000 कमाए.उनके रेपुटेशन बढ़िया थी इसलिए ग्रैंड सेन्ट्रल टर्मिनल के पास उन्होंने खुद का एक कॉफ़ी शॉप खोल लिया. अपने मेनू में उन्होंने कॉफ़ी के साथ कुछ स्नैक्स भी एड कर दिए. आने वाले टाइम में मिसेज मैकडौगल ने न्यू यॉर्क सिटी में 6 और कॉफ़ी शॉप्स खोली. जब वे 65 की थी तो ग्रेट डिप्रेशन का टाइम था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. मिसेज मैकडौगल ने इसी टाइम 3 और शॉप्स खोली. कोई और लेडी होती तो ऐसे मुश्किल टाइम में हार मान लेती लेकिन मिसेज मैकडौगल ने कभी हार नहीं मानी. उनके अंदर अपनी स्कसेस को लेकर बड़ा गट्स था.
सेलिंग एज अ बिजनेस (Selling as a Business)
एक सेल्स एजेंट होने के कई एडवांटेजेस होते है. कस्टमर्स की गुडविल और ट्रस्ट ही आपकी रियल कैपिटल है. सेल्स पर्सन को रेज़ का वेट नहीं करना पड़ता वो जितना चाहे उतना कमा सकता है. और ना ही उसे सारा दिन ऑफिस में बैठना पड़ता है. सेलिंग करना मज़ेदार काम है. आप कितने सारे नए लोगो से मिलते है. कई सारे सक्सेसफुल और इन्फ्लुएंशनल लोग आपको जानते है और आप उन्हें. आप किसी के अंडर में नहीं बल्कि अपनी मर्ज़ी से इंडिपेंडेंट होके काम करते है. जब तक कस्टमर्स से आपके अच्छे रिलेशन है, आप पैसा कमाते रहेंगे. सेल्स एजेंट एक तरह से लोगो को एजुकेट करते है. आप घर, वाशिंग मशीन,वैक्यूम क्लीनर या जो कुछ भी लेते है, एक सेल्स एजेंट ही आपको प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए मोटिवेट करता है.
मतलब ये कि सेल्स एजेंट्स लोगो की लाइफ में हैप्पीनेस और सेटिसफेक्शन लाते है. लूसिले अन्थोनी(Lucile Anthony) एक सिंगल पेरेंट है. उसका हजबैंड उससे अलग रहता है इसलिए उनके 6 मन्थ के बेबी को पालने की रिस्पोंसेबिलीटी अब उसके ऊपर है. उसने सिल्क स्टोकिंग्स बेचने का काम शुरू किया. एक मेनूफेक्चरर (manufacturer) ने लूसिले को हायर किया कि वो घर-घर जाकर स्टोकिंग्स बेचे. उसे 6 डिफरेंट कलर्स के सैम्पल दिए गये. वो पहले अपनी फ्रेंड्स के पास गयी. लूसिले को स्टोकिंग्स पहनना पसंद था, उसने अपने फ्रेंड्स को भी ये स्टोकिंग्स लेने के लिए बोला. जितनी औरतो को वो जानती थी, लूसिले ने सबको अप्रोच किया यहाँ तक कि स्ट्रेंजर्स को भी.
लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. वो जिनके भी घर जाती यही जवाब मिलता,” आज नहीं, आई एम् बीजी, आई हेव नो मनी, कम बैक नेक्स्ट वीक. तो लूसिले उनसे बोलती” मुझे पता है आप बहुत बीजी है मिसेज स्मिथ, लेकिन मै ज्यादा टाइम नहीं लुंगी, क्या मै अंदर आ सकती हूँ?” लूसिले तब तक कोशिश करती जब तक कि लोग उसे घर के अंदर नहीं बुला लेते थे. और जैसे ही वो अंदर घुसती सैंपल्स दिखाने शुरू कर देती. उसका एनथूयाज्म (enthusiasm ) ऐसा था कि औरते उससे सिल्क स्टोकिंग्स लेने के लिए मजबूर हो जाती. एक बार तो उसने यूनिवरसिटी ओर शिकागो में कोम्मेंसमेंट एक्सरसाइज़(commencement exercises) से पहले दो सोरोटी हाउसेस को कॉल किया, जहाँ उसने दो ग्रुप में डेमो दिया.
उसे तुरंत ही 56 जोड़ी के ऑर्डर्स मिल गए. उसकी सेल इनक्रीज हो रही थी और सिल्क स्टॉकिंग कंपनी से उसे काफी अच्छा-खासा कमिशन भी मिलता था. कस्टमर चाहे लाख मना करे लेकिन लूसिले को कोई फर्क नही पड़ता था. उसे बेचने का पैशन था. क्योंकि वो अपने प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से जानती थी इसलिए उसे पता था कि लोगो को कैसे परसुयेड( persuade) करना है. ऐसा नही था कि हर कोई उसका प्रोडक्ट लेता था, उसे कई बार रिजेक्शन भी फेस करना पड़ा फिर भी लूसिले कभी पीछे नहीं हटी. ज्योर्ज कौनराड (George Conrad) की स्टोरी भी कुछ ऐसी ही है. वो भी कभी हार नहीं मनाता था. वो स्लाईसिंग मशीन्स का सेल्स एजेंट था. अपना प्रोडक्ट बेचने वो ग्रोसरीज़, रेस्तरोरेंट्स और मीट स्टोर्स में जाया करता.
ज्योर्ज शॉप में घुसता और शॉपकीपर को स्लाइसिंग मशीन की एक कलरफुल इमेज दिखाकर पूछता “ कैसा लगा आपको” तो शॉप कीपर का जवाब होता “अच्छा है, लेकिन मै इतनी एक्सपेंसिव स्लाईसिंग मशीन नहीं ले सकता”” तो ज्योर्ज अपनी कार से असली मशीन लेकर दूकान के काउंटर पे रख के बोलता” ये कम रेट वाला स्लाइसर है लेकिन देखने में एक्सपेंसिव लगता है. आप एक स्लाइसर का कैश में कितना प्राइस दे सकते हो”? तो दूकान वाला बोलता” आजकल बिजनेस स्लो चल रहा है तो मै $10 से ज्यादा नही दे पाउँगा”. ज्योर्ज थोड़ी ना नकुर करकेस्लाइसर का रियेल प्राइस बता देता. “वेल,अगर आप इतना अफोर्ड कर सकते है तो पैसे निकालो, वैसे ये स्लाइसर आपको सिर्फ $7.50 में पड़ेगा.” शॉप ओनर्स हैरान रह जाते,
स्लाइसर का एक्चुअल रेट को उनकी एक्सपेक्टेशन से कम निकला. इस तरह एक वीक में ज्योर्ज की 40 के अराउंड स्लाईसिंग मशीन बिक जाती थी. क्योंकि वो अपने प्रोडक्ट का बढ़िया डेमो देता और लो प्राइस होने के बावजूद उसकी मल्टीपल बेनेफिट्स गिना देता. डेमोनस्ट्रेशन(Demonstrations) और सैम्पल्स हर सेल्स एजेंट का एस्सेट (asset) होते है. डवीट रिची(Dwight Ritchie ) ने अपने मेंडिंग फ्लूइड डेमोज से खूब पैसा कमाया. नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिए” लोग उसे मना कर देते थे. लेकिन डवीट (Dwight) बोलता” कोई बात नहीं, मै बस आपको फेब्रिक रीपेयर करने का एक डेमो दिखा रहा हूँ’.
डवीट (Dwight )हमेशा अपने साथ कुछ सैंपल फेब्रिक ले के चलता था जिसे वो अपने प्रोडक्ट से रिपेयर करके दिखाता” अगर आपके सिल्क स्टोकिंग से कोई धागा निकल जाये तो बस थोडा सा मेंडिंग फ्लूइड लेकर टच कर दो, इससे आप बड़ी जल्दी और आसानी से रिपेयर कर सकते है”. अपने डेमो के बाद वो कस्टमर को मेंडिंग फ्लूइड हाथ में पकड़ा देता. ‘आप दो ट्यूब्स लेंगे या तीन? प्राइस है 25 सेंट्स” और इस तरह वो अर्ली मोर्निग से शाम तक डोर टू डोर सेलिंग करता. डवीट (Dwight) ने प्रूव् कर दिया था कि अगर पैसा कमाने का शौक हो तो घर से निकल के हार्ड वर्क तो करना ही पड़ेगा. अगर आप फ्रेंक डीप्रिएस (Frank DePries) से पूछे कि 1000 डॉलर्स कैसे कमाए जाते है तो वो तुरंत बोलेगा” फायर एस्टिंगुशर्स(Fire Extinguishers) बेच कर”. फ्रेंक ने अपने फर्स्ट $1000 सिर्फ 6 वीक्स में कमाए. हालाँकि ये उतना भी ईजी जॉब नहीं था.
उसने ढेर सारे सेल्स कॉल्स किये लेकिन फर्स्ट मन्थ में उसे एक भी ऑर्डर नहीं मिल पाया. फिर उसे रियेलाईज किया कि गलत लोगो को ट्राई कर रहा है. वो उन लोगो को कॉल करता था जिन्हें फायर एस्टिंगुशर (fire extinguisher) की कोई ज़रूरत ही नहीं थी. तो फ्रेंक ने अपनी फोन डायरेक्टरी को केयरफूली चेक किया. उसमे से उसने कुछ कंपनीज चूज़ की जहाँ उसका प्रोडक्ट काम आ सकता था. कुल मिलाकर एक डिस्ट्रिक्ट में 27 फर्म्स थी. फ्रेंक अपना टाइम और एनेर्जी बचाने के लिए एक रूट प्लान किया ताकि वो सबको विजिट करता चले. फिर क्या था उसका काम बन गया और अब वो डेली के 12 फायर एस्टिंगुशर्स बेचता है. उसने एक स्माल फैक्ट्री के लिए 10 यूनिट्स रखे है, और अब उसका टारगेट है वेयरहाउसेस, बड़ी फैक्टरीज और गैराज़ जिससे उसका वीकली कमीशन $300 के करीब बनता है.