क्या आपको अपने पैसे को मैनेज करने में परेशानी हो रही है? क्या आप ये सीखना चाहेंगे कि पैसे को कैसे मैनेज किया जाए और फाइनेंशियल फ्रीडम कैसे पाई जाए? आपको पैसे से जुड़ा अपने हर सवाल का जवाब इस समरी में मिलेगा। ये पैसा कमाने और उसे समझने का बहुत ही आसान और प्रैक्टिकल गाइड है।
पैसे को लेकर आप जो कुछ भी जानते हैं, ज़रूरी नहीं है कि इसके पीछे की सच्चाई वही हो। सोसाइटी में पैसे को लेकर इतनी गलतफहमियाँ हैं कि जो भी आपको पैसे से जुड़ी एडवाइस देता है आप उस पर आँख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते। इस बुक के ज़रिए ऑथर प्रांजल कामरा ने ये बताया है कि पैसा और जायदाद बनाने के बनाने के बारे में उन्होंने क्या-क्या सीखा।
पैसे को लेकर हमारी जो भी प्रॉब्लम हैं वो इसलिए नहीं हैं कि हमारे पास पैसा कम है बल्कि ये इस वजह से है कि हम इसे कैसे हैंडल करते हैं। बहुत से लोग हैं फैसले लेते वक़्त फ्कोयूचर के बारे में नहीं सोचते हैं। यही वजह है कि कई लोगों के पास lottery जीतने के बाद भी कुछ नहीं बचता और कुछ लोग कम सैलरी में भी बहुत कुछ पा लेते हैं।
ये समरी आपको फाइनेंशियल फ्रीडम तक पहुँचने का रास्ता दिखाएगी। इसमें हम सेविंग्स और बजटिंग यानी budget बनाना जैसी बेसिक चीज़ों से शुरुआत करेंगे और टैक्सेशन और इंश्युरेंस जैसे कॉन्सेप्ट के बारे में भी जानेंगे।
फाइनेंशियल सक्सेस अमीरों वाले लाइफस्टाइल से नहीं मिलती है और ज़्यादा सैलरी कमाने से भी नहीं मिलती है। ये इस बात पर डिपेंड करता है कि पैसे को लेकर आपका माइंडसेट और attitude कैसा है। तो आइए पैसे के बारे में प्रांजल की जीवन बदलने वाली सलाह को जानें और वही गलतियाँ करने से बचें जो उन्होंने की थीं।
Savings: The Ignored ‘Financial Angel’
वेल्थ क्रिएशन में सेविंग्स एक ऐसा स्टेप है जो सबसे ज़्यादा नज़रअंदाज किया जाता है। हालाँकि, अमीर लोग ये जानते हैं कि ये सबसे ज़रूरी स्टेप है। सेविंग्स करना सीखे बिना आप कभी भी पैसा नहीं ग्रो कर सकते। ज़्यादातर लोग सिर्फ इनकम generate करने पर फोकस करते हैं, जो कि गलत है।
क्या आपको याद है जब आप कॉलेज में थे और पॉकेट मनी से अपना खर्चा निकालते थे? आपने हमेशा खुद से कहते थे कि अगर आपको थोड़ा और पैसा मिलता तो आप उतने परेशान नहीं रहते जितने आप थे। लेकिन अब सीधा, ग्रेजुएशन करने के बाद जब आपको अपनी सैलरी मिलती है, आपने आखिरकार अब पैसा कमाना शुरू कर दिया है, लेकिन आप अभी भी उतने खुश नहीं हैं, जितना आपने सोचा था।
अब सब कुछ और भी मुश्किल लगने लगता है। आपके बिल और ख़र्चे बढ़ गए हैं। आपकी सैलरी आपके पॉकेट मनी से दस गुना ज़्यादा है, लेकिन आप अभी भी एक पैसा नहीं बचा पाते हैं। तब आपको एहसास होता है कि सेविंग्स का मतलब पैसा कमाना नहीं होता है बल्कि ये अपने ख़र्चे को कंट्रोल करने के बारे में है। अगर आप ज़्यादा ख़र्च करते रहेंगे तो कभी पैसा नहीं बचा पाएंगे, चाहे आप कितना भी कमा लें। अब आपने सेविंग्स का जनरल कॉन्सेप्ट जान लिया है। तो आइए, इसे थोड़ा और गहराई से जानें।
सेविंग करने के लिए लाइफस्टाइल को बदलना बहुत ज़रूरी है। सेविंग्स करने के लिए, आपको ज़्यादा कमाने की ज़रुरत नहीं है। आपको सिर्फ, अपने ख़र्चों को कम करना होगा। आपकी सेविंग्स, आपके इनकम और ख़र्चे पर डिपेंड करती है। अगर आप ज़्यादा पैसा सेव करना चाहते हैं तो आपको इन दोनों बातों पर ध्यान देना होगा।
आइए, इसे एक example से समझते हैं।
तान्या हर महीने 10,000 डॉलर कमाती हैं। वो ऑफिस ट्रेन से जाती हैं, जिसका खर्चा है हर दिन का 3 डॉलर। लेकिन, तान्या को साल के आखिर तक सैलरी में अच्छा इन्क्रीमेंट मिला, इसलिए उन्होंने एक नई कार खरीदने का फैसला किया।
तान्या अब ऑफिस अपने कार से जाती हैं और रोज़ाना गैस के लिए 10 डॉलर ख़र्च करती हैं। उन्होंने सोचा, "मैंने जो एक्स्ट्रा पैसा कमाया है, उसे मैं कार पर ख़र्च कर सकती हूँ।" लेकिन, तान्या के इस आईडिया की वजह से उन्हें कोई मदद तो नहीं मिली बल्कि अब उनका ख़र्चा और बढ़ गया था। अपने बेहतर लाइफस्टाइल की वजह से, उन्हें अपने आईडिया से होने वाले बुरे असर का एहसास ही नहीं हुआ।
हम सभी ज़्यादा से ज़्यादा अच्छा लाइफस्टाइल चाहते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि आपको अपने कमाए हुए पैसे को एन्जॉय नहीं करना चाहिए, बस इसे समझदारी से ख़र्च करें। अगर तान्या ट्रेन से ट्रैवल करती रहती, तो वो ज़्यादा पैसे बचा पाती। हर दिन का वो एक्स्ट्रा 7 डॉलर, साल के आखिर तक 2,555 डॉलर हो जाएगा। हो सकता है कि ये बड़ा अमाउंट न हो लेकिन इसका असर उसके आने वाले वक़्त पर ज़रूर पड़ेगा।
वॉरेन बफेट, दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उन्होंने सिर्फ पैसा इंवेस्ट करके अपना पूरा एम्पायर खड़ा किया है। सेविंग्स को लेकर उनका जीवन भर प्रिंसिपल रहा है "सेविंग्स के बाद जो पैसा बचता है, सिर्फ उसे ख़र्च करें।" इसका मतलब ये है कि आपकी सेविंग्स आपके ख़र्चों पर नहीं बल्कि आपके ख़र्चे आपकी सेविंग्स पर डिपेंडेंट होने चाहिए।
सेविंग्स को लेकर एक आम ग़लतफ़हमी ये है कि लोग इसलिए सेविंग्स करते हैं कि बाद में सब कुछ ख़र्च कर सकें। आप शायद सोचते होंगे कि साल के आखिर में एक अच्छी ट्रिप के लिए सेविंग्स करना शानदार आईडिया है। लेकिन ऐसा नहीं है। वेल्थ क्रिएशन का मतलब है अपने पैसों को अपने लिए काम करने देना। पैसा बचाइए और इसे bonds या दूसरे एसेट में इंवेस्ट कीजिए। आपकी सेविंग्स आपका कैपिटल यानी आपकी पूँजी बन जाना चाहिए।